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सोमवार, 12 अक्टूबर 2020

हटाने अर्थ वाली क्रिया का प्रयोग

  हटाने अर्थ वाली क्रिया का प्रयोग होने पर कर्ता का जो इच्छित पदार्थ है उसकी भी अपादान संज्ञा होती है व उसमें पञ्चमी विभक्ति होती है।
 उदाहरण-- कृषकः यवेभ्यो गां वारयति। यहां किसान जौ के खेत से गाय को इसलिए ह्टाता है क्योंकि जौ उसका इच्छित पदार्थ है। अतः जौ की अपादान संज्ञा होकर पञ्चमी विभक्ति हुई।
   इसी प्रकार-२) माता शिशोः मलिनतां वारयति ।
                       माता शिशु की मलिनता को दूर करती है
                ३) गृहणी मार्जन्या गृहात्‌ अवकरम्‌ अपसारयति।
                     गृहणी झाड़ू से घर से कूड़ा हटाती है।
                 ४) गुरुः शिष्यात्‌ अज्ञानं निवारयति।
                      गुरु शिष्य से अज्ञान दूर करता है।
                 ५) सैनिकः भूमेः शत्रुं निवर्तयति।
                      सैनिक भूमि से शत्रु को हटाता है।
                 ६) पिता पुत्रात्‌ पापं पृथग्‌करोति।
                      पिता पुत्र से पाप को दूर करता है।
                 ७) ईश्वरः लोकात्‌ सर्वाः बाधाः अपसारयति।
                      ईश्वर लोक से सारी बाधाओं को हटाता है
                 ८) रामः कृष्णं ग्रामाद्‌ व्यपनयति।
                      राम कृष्ण को गांव से हटाता है।
                 ९) लेखहारकः कुक्कुरं विद्यालयात्‌ अपसारयति।
                      चपरासी कुते को विद्यालय से हटाता है।
               १०) अहं वस्तु प्रकोष्ठाद्‌ वारयामि।
                        मैं वस्तु को कमरे से हटाता हूं।

गृहबद्धानाम्

गृहबद्धानाम् अस्माकं स्थितिं वीक्ष्य अयं श्लोक: स्मृतिपथम् आयाति -

रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातम्| 
भास्वानुदेष्यति हसिष्यति पङ्कजश्री:||
इत्थं विचिन्तयति कोशगते  द्विरेफे|
हा हन्त! हन्त! नलिनीं गज उज्जहार||

बालकस्य दिनचर्या

बालकस्य दिनचर्या एकस्मिन् रमणीये ग्रामे सोमः नाम एकः बुद्धिमान् बालकः वसति स्म। तस्य गृहं वृक्षैः परिवृतम् आसीत्। सः प्रतिदिनं ब्राह्ममुहूर्...