हटाने अर्थ वाली क्रिया का प्रयोग होने पर कर्ता का जो इच्छित पदार्थ है उसकी भी अपादान संज्ञा होती है व उसमें पञ्चमी विभक्ति होती है।
उदाहरण-- कृषकः यवेभ्यो गां वारयति। यहां किसान जौ के खेत से गाय को इसलिए ह्टाता है क्योंकि जौ उसका इच्छित पदार्थ है। अतः जौ की अपादान संज्ञा होकर पञ्चमी विभक्ति हुई।
इसी प्रकार-२) माता शिशोः मलिनतां वारयति ।
माता शिशु की मलिनता को दूर करती है
३) गृहणी मार्जन्या गृहात् अवकरम् अपसारयति।
गृहणी झाड़ू से घर से कूड़ा हटाती है।
४) गुरुः शिष्यात् अज्ञानं निवारयति।
गुरु शिष्य से अज्ञान दूर करता है।
५) सैनिकः भूमेः शत्रुं निवर्तयति।
सैनिक भूमि से शत्रु को हटाता है।
६) पिता पुत्रात् पापं पृथग्करोति।
पिता पुत्र से पाप को दूर करता है।
७) ईश्वरः लोकात् सर्वाः बाधाः अपसारयति।
ईश्वर लोक से सारी बाधाओं को हटाता है
८) रामः कृष्णं ग्रामाद् व्यपनयति।
राम कृष्ण को गांव से हटाता है।
९) लेखहारकः कुक्कुरं विद्यालयात् अपसारयति।
चपरासी कुते को विद्यालय से हटाता है।
१०) अहं वस्तु प्रकोष्ठाद् वारयामि।
मैं वस्तु को कमरे से हटाता हूं।
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