"मधुकैटभविध्वंसि विधातृ वरदे नम:
रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।"
अर्थ:➡️ हे मधुकैटभविनाशिनी, हे ब्रह्मवर्दिनी, आपको नमस्कार है। मुझे रूप दो, मुझे विजय दो, मुझे वैभव दो और वासना और क्रोध के शत्रुओं का नाश करो।
💐संस्कृतम् 💐
संस्कृत भाषा सर्व भाषायाः जननीं अस्ति। अतेव संस्कृतस्य प्रचार प्रसारः कुर्वन्तु।
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