मंगलवार, 20 अक्तूबर 2020

मधुकैटभारेः

"मधुकैटभविध्वंसि विधातृ वरदे नम:
रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।"

      
 अर्थ:➡️   हे मधुकैटभविनाशिनी, हे ब्रह्मवर्दिनी, आपको नमस्कार है।  मुझे रूप दो, मुझे विजय दो, मुझे वैभव दो और वासना और क्रोध के शत्रुओं का नाश करो।
💐संस्कृतम् 💐

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