भगवान विष्णु के १६ नामों के निम्नलिखित श्लोक प्रस्तुत कर रहा हूं । इसमें मनुष्य को किस किस अवस्था में भगवान विष्णु को किस किस नाम से स्मरण करना चाहिए, इसका उल्लेख किया गया है :-
*औषधे चिंतयेद् विष्णुं ,*
*भोजने च जनार्दनम् |*
*शयने पद्मनाभं च*
*विवाहे च प्रजापतिम् ||*
*युद्धे चक्रधरं देवं*
*प्रवासे च त्रिविक्रमं |*
*नारायणं तनु-त्यागे*
*श्रीधरं प्रिय-संगमे ||*
*दु:स्वप्ने स्मर गोविन्दं*
*संकटे मधुसूदनम् |*
*कानने नारसिंहं च*
*पावके जलशायिनम् ||*
*जल मध्ये वराहं च*
*पर्वते रघुनन्दनम् |*
*गमने वामनं चैव*
*सर्व कार्येषु माधवम् |*
*षोडश एतानि नामानि*
*प्रातरुत्थाय य: पठेत ।*
*सर्व-पाप-विनिर्मुक्तो,*
*विष्णुलोके महीयते ।।*
(१) औषधि लेते समय - विष्णु ;
(२) भोजन के समय - जनार्दन ;
(३) शयन करते समय - पद्मनाभ :
(४) विवाह के समय - प्रजापति ;
(५) युद्ध के समय - चक्रधर ;
(६) यात्रा के समय - त्रिविक्रम ;
(७) शरीर त्यागते समय - नारायण;
(८) पत्नी के साथ - श्रीधर ;
(९) नींद में बुरे स्वप्न आते समय - गोविंद ;
(१०) संकट के समय - मधुसूदन ;
(११) जंगल में संकट के समय - नृसिंह ;
(१२) अग्नि के संकट के समय - जलाशयी ;
(१३) जल में संकट के समय - वाराह ;
(१४) पहाड़ पर संकट के समय - रघुनंदन;
(१५) गमन करते समय - वामन;
(१६) अन्य सभी शेष कार्य करते समय - माधव ।।
🌹🙏शुभ प्रभात🙏🌹
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