मैंने बहुत से अनुवाद की रचना शब्दानुसार न करके भावानुसार करने का प्रयास किया है।
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लगना/लगाना
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(१)यह बिछावन कड़ा लगता है=एषा शय्या रूक्षा अस्ति ।
(२)यह बिछावन मुलायम लगता है=एषा शय्या मृदु अस्ति ।
एषा शय्या मृद्वस्ति ।
(२)उसे भूख-प्यास नहीं लगती है=तस्य क्षुधा पिपासा च न भवत:।
(३)तेरे हाथ ठंढे लगते हैं=तव हस्तौ शीतलो इत्यनुभूयेते।
(४)उसे गर्मी नहीं लगती है=
(क)तेन आतप: न अनुभूयते।
(ख)स आतपं नानुभवति।
(५)उसे गर्मी लग रहा है=तेन आतप: अनुभूयते।
(६)उसे जाड़ा लग रहा है=तेन शीतम् अनुभूयते।
(७)उसे ठंढी लग गई है=सः शैत्येन पीडितः ।
(८)तुझे आज कैसा लग रहा है=अद्य त्वया कथम् अनुभूयते?
(९)यह पोशाक तुझे अच्छा लगता है=तुभ्यम् एतत् परिधानं रोचते।
(१०)यह आम मीठा लगता है=इदम् आम्रं मधुरम् अस्ति।
(११)यह अमरूद खट्टा लगता है=एतत् दृढबीजम् अम्लीयम् अस्ति।
(१२)मेरी गाय खूब लगती है=
(क)मे गौ: सम्यग् दुह्यति।
(ख)मम धेनु: दुग्धं सम्यक्तया ददाति।
(ग)मम गौ: अतीव दुग्धं ददाति।
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